ओस्टियोआर्थराइटिस
ओस्टियोआर्थराइटिस(Osteoarthritis) को अंग्रेजी में विअर एंड टिअर या डिजनरेटिव आर्थराइटिस भी कहा जाता हैं।शरीर में ऊतकों के समूह को कार्टिलेज कहा जाता हैं। कार्टिलेज शरीर के ऊतकों को मजबूत बनाने का कार्य करते हैं साथ ही शरीर के जोड़ों को लचीला भी बनाते हैं।
कार्टिलेज को जब हानि पहुँचती है तब हड्डियाँ आपस में रगड़ने लगती है। जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन उत्पन्न हो जाती है। महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
बढ़ती उम्र के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या भी बढ़ती जा रही है। इस प्रकार की आर्थराइटिस में जोड़ों के कार्टिलेज घिस जाते हैं और उनमें चिकनाहट कम होने लगती है। इस स्थिति को सहज मेडिकल भाषा में ऑस्टियोआर्थराइटिस कहते हैं।ओस्टियोआर्थराइटिस अधिकतर घुटनों, कूल्हों, हाथों, और पैरों में होता है|

ओस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण
- मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और जोड़ों को घुमाने में कठिनाई का अनुभव होता है|
- प्रभावित जोड़ों पर सूजन हो जाती है|
- दिनभर की गतिविधि के पश्चात् जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है|
- लम्बे उपयोग के या लम्बे आराम के बाद जोड़ के प्रभावित क्षेत्र में दर्द का अनुभव होना|
- लंबी निष्क्रियता के पश्चात् दर्द और जकड़न जो गतिशील होते ही तुरंत चली जाती है|
ओस्टियोआर्थराइटिस के कारण
- जोड़ों में चोट लगना-चोट लगने के बाद या जोड़ों के ऑपरेशन के बाद जोड़ों की ठीक ढंग से देखभाल ना करना इसरो का मुख्य कारण बन सकता है|
- वजन का बढ़ना-अधिक वजन होने के कारण यह रोग होने की संभावना बढ़ जाती है|वजन ज्यादा होने के कारण घुटनों टखनों और कूल्हों आदि के जोड़ों पर बहुत ज्यादा वजन बढ़ना इस रोग का मुख्य कारण है|
- अनुवांशिकता के कारण-परिवार में किसी एक महिला को यह रोग होने से दूसरे व्यक्ति में इस रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है|
- उम्र का बढ़ना-उम्र बढ़ने के साथ-साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या उत्पन्न हो जाती हैबढ़ी हुई उम्र भी इसके लिए जिम्मेदार है|
जोड़ों में दर्द के आयुर्वेदिक नुस्खे
- लहसुन- इसका इस्तेमाल-आप जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए कर सकते हैं |लहसुन के औषधीय जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है इसके लिए लहसुन की दो कलियां प्रतिदिन खाली पेट पानी के साथ खाएं यह बहुत फायदेमंद है|लहसुन के रस को कपूर में मिलाकर मालिश करने से भी दर्द से राहत मिलती है।
- हल्दी- हल्दी रक्त के संचार को तेज करता है और जोड़ों के दर्द से आराम दिलाता है गर्म दूध में हल्दी मिलाकर दिन में दो से तीन बार पीयें।
- अदरक- अदरक का प्रयोग करके हम जोड़ों के दर्द से निजात पा सकते हैं|अदरक का पेस्ट बनाकर उसमें दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें|
- लाल मिर्च पाउडर-एक कप नारियल के तेल को गर्म करके उसमें दोष बड़े चम्मच लाल मिर्च पाउडर मिलाएं इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगा कर कम से कम 20 से 30 मिनट के लिए छोड़ दें यह नुस्खा बहुत ही फायदेमंद है|
- सेब का सिरका-सेब के सिरके का प्रयोग करने से हमें जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिलती है किसी कपड़े को सेब के सिरके में भिगोकर दर्द वाले स्थान पर लपेटे और कुछ समय के लिए छोड़ दें यह घरेलू उपाय बहुत ही लाभदायक है|
- मेथी दाना- 5से 10 ग्राम मेथी के दानों का चूर्ण बनाकर सुबह पानी के साथ लें।यह नुस्खा बहुत ही फायदेमंद है|
ऑस्टियोआर्थराइटिस का इलाज
1.एक्सरसाइज करें
ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द को दूर करने के लिए एक्सरसाइज करें। यह क्षतिग्रस्त जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।यह जोड़ों के आसपास की पेशी का समर्थन मजबूत करता है। और जोड़ों में सुधार और जोड़ों की गतिशीलता बनाये रखता है।
2.थेरेपी
फिजियोथैरेपी
- फिजियोथैरेपी गति और लचीलापन की सीमा को बढ़ाने के साथ ही पैर की मांसपेशियां मजबूत बनाती है
- घुटने के मूवमेंट और लचीलापन को सामान्य करती है
- बैठने और चलने की तकनीकी में सुधार करती है
- शरीर के निचले भागों जैसे को ले जोड़ो को मजबूत बनाती है
- नी कैप के दर्द में कमी और मूवमेंट में सुधार का कारण बनती है की गतिशीलता बनाये रखता है।
ओस्टियोआर्थराइटिस में लेने वाले आहार
- आप विटामिन C से समृद्ध आहार जैसे स्ट्रॉबेरी, खट्टे फल, मिर्च, कीवी, हरी-पत्तेदार सब्जियाँ, टमाटर, आलू आदि का सेवन कर सकते है|
- बीटा-कैरोटीन युक्त आहार जैसे पीले, लाल और नारंगी रंग के फल और सब्ज़ियाँ खा सकते है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध आहार जैसे ठन्डे-पानी की मछली, अखरोट, सोया आहार, जैतून, अलसी और अलसी का तेल भी अपने सेवन में शामिल कर सकते है।

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